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RED FLOWER: Hello friends. I am Red Flower. I live here in these fields. All the trees, animals, birds, clouds, winds and the sun are my friends. But my best friend is Sun. It is morning now and time for him to come. (Morning comes.) SUN: Hello Red Flower. I bring a good morning to you. Did my sister Night give you any good dreams in your sleep? RED FLOWER: Yes, more than you dear Sun....
बात सात सौ साल पुरानी सुनो ध्यान से प्यारे हैम्लिन नामक एक शहर था वीजर नदी किनारे। यूं तो शहर बहुत सुन्दर था हैम्लिन जिसका नाम मगर वहां के लोगों का हो गया था चैन हराम। इतने चूहे इतने चूहे गिनती हो गई मुश्किल जिधर भी देखो जहां भी देखो करते दिखते किल बिल। बाहर चूहे घर में चूहे दरवाजे और दर में चूहे खिड़की और आलों में चूहे...
यह कैसा है घोटाला कि चाबी मे है ताला कमरे के अंदर घर है और गाय में है गोशाला। दातों के अंदर मुंह है और सब्जी में है थाली रूई के अंदर तकिया और चाय के अंदर प्याली। टोपी के ऊपर सर है। और कार के ऊपर रस्ता ऐनक पे लगी हैं आंखें कापी किताब में बस्ता। सर के बल सभी खड़े हैं पैरों से सूंध रहे हैं घुटनों में भूख लगी है और टखने ऊंघ रहे हैं।...
सर्दी आई, सर्दी आई ठंड की पहने वर्दी आई। सबने लादे ढेर से कपड़े चाहे दुबले, चाहे तगड़े। नाक सभी की लाल हो गई सुकड़ी सबकी चाल हो गई। टिठुर रहे हैं कांप रहे हैं दौड़ रहे हैं, हांप रहे हैं। सारे मौसम अच्छे [Illustrations by Nilima Sheikh] धूप में दौड़ें तो भी सर्दी छाओं में बैठें तो भी सर्दी। बिस्तर के अंदर भी सर्दी बिस्तर के बाहर भी सर्दी। बाहर सर्दी घर में सर्दी...
आओ इस जंगल में आओ मत घबराओ मैं इस जंगल का एक पेड़ तुम्हें बुलाता हूं अपनी कथा सुनाता हूं आओ अपने साथियों से मिलवाता हूं आओ, छूकर देखो मेरा तना सीधा और मज़बूत और ऊपर मेरी पतली बल खाती शाखों को देखो देखो अनगिनत टहनियों को क्या पूछते हो मेरे दोस्त वो तो पिछले पतझड़ में गिर गए लेकिन जल्द ही फिर निकल आएंगे मेरी डालियों पर लद जाएंगे। मेरी जड़े नहीं दिखती तुम्हें...
किताबे करती हैं बातें बीते ज़मानों की दुनियां की इंसानों की आज की कल की एक एक पल की खुशियों की ग़मों की फूलों की बमों की जीत की हार की प्यार की मार की क्या तुम नहीं सुनोगे इन किताबों की बातें किताबें कुछ कहना चाहती हैं तुम्हारे पास रहना चाहती है किताबों में चिड़ियां चहचहाती हैं किताबों में खेतियां लहलहाती हैं किताबों में झरने गुनगुनाते हैं परियों के किस्से सुनाते हैं किताबों में राकेट का राज़ है...
Source: https://www.pitara.com/authors/safdar-hashmi/
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