चित्रकार सुनसान जगह में बना रहा था चित्र।
इतने ही में वहां आ गया यम राजा का मित्र।।
उसे देखकर चित्रकार के तुरंत उड़ गये होश।
नदी पहाड़ पेड़ फिर उसको कुछ हिम्मत आई देख उसे चुपचाप।
बोला सुन्दर चित्र बना दूं बैठ जाइये आप।।
उकरू मुकरू बैठ गया वह सारे अन्ग बटोर।
बड़े ध्यान से लगा देखने चित्रकार की ओर।।
चित्रकार ने कहा हो गया आगे का तैयार।
अंब मुंह आप उधर तो करिये जंगल के सरदार।।
बैठ गया वह पीठ फिराकर चित्रकार की ओर।
चित्रकार चुपके से खिसका जैसे कोई चोर।।
बहुत देर तक आंख मूंदकर पीठ घुमाकर शेर।
बैठ बैठ लगा सोचने इधर हुई क्यों देर।।
झील किनारे नाव लगी थी एक रखा था बांस।
चित्रकार ने नाव पकड़कर ली जी भरके सांस।।
जल्दी जल्दी नाव चलाकर निकन गया वह दूर।
इधर शेर था धोखा खाकर झुंझलाहट में चूर।।
शेर बहुत खिसियाकर बोला नाव जरा ले रोक।
कलम और कागज तो ले जा रे कायर डरपोक।।
चित्रकार ने कहा तुरन्त ही रखिये अपने पास।
चित्रकला का आप कीजिए जंगल में अभ्यास।।
बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
Hindi poem for children first published by National Book Trust
190 words |
7 minutes
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Filed under: hindi poems
Tags: #hindi poems for kids, #बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
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