छोटे छोटे पंख हैं मेरे
कोमल हल्के प्यारे भी हैं
देखे हैं जो मैंने सपने
उसमें सूरज तारे भी हैं
पर क्या बोझल इन्हें बनाकर
मंजिल ऊंची चढ़ पाऊंगा
शब्द सुनहरे पढ़े बिना ही
राहें अपनी बढ़ पाऊंगा…

बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
Hindi poem for children

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Filed under: hindi poems
Tags: #hindi poems for kids, #बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ

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