देखो लड़के बंदर आया। एक मदारी उसको लाया
उसका है कुछ ढंग निराला। कानों में पहने है बाला
फटे पुराने रंगबिरंगे। कपड़े हैं उसके बेढंगे
मुंह डरावना आंखे छोटी। लंबी दुम थोड़ी सी मोटी
भौंह कभी है वह मिटाता। आंखों को है कभी नचाता
ऐसा कभी किलकिलाता है। मानो अभी काट खाता है
दांतों को है कभी दिखाता। कूद फांद है कभी मचाता
कभी घुड़कता है मुंह बाकर। सब लोगों को बहुत डराकर
कभी छड़ी लेकर है चलता। कभी वह यों ही कभी मचलता
है सलाम को हाथ उठाता। पेट लेट कर है दिखलाता
ठुमक ठुमक कर कभी नाचता। कभी कभी है टके जांचता
देखो बंदर सिखलाने से। कहने सुनने समझाने से
बातें बहुत सीख जाता है। कई काम कर दिखलाता है
बनों आदमी तुम पढ़लिखकर। नहीं एक तुम भी हो बंदर
बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
Hindi poem for children
141 words |
5 minutes
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Filed under: hindi poems
Tags: #hindi poems for kids, #बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
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