मुन्ना ने आले पर
ऊंचे आले पर जब छोटे
हाथ नहीं जा पाये
खींच खींच कर अपनी छोटी
चौकी ले आये।
पंजों के बल उस पर चढ़कर एड़ी भी उचकाई।
मुन्ना ने आले पर रक्खी शीशी तोड़ गिराई।
हाथ पड़ा शीशी पर आधा
खींचा उसे पकड़ कर
वहीं गिरी वह आले पर से
इधर उधर खड़बड़ कर।
शीशी तोड़ी कांच बिखेरा सारी दवा बहाई।
मुन्ना ने आले पर रक्खी शीशी तोड़ गिराई।
पर कहते हैं शुभ होता है
भरी दवा गिर जाना
रोग स्वयं अच्छा होने का
यह भी एक बहाना।
मुन्ना की हर शैतानी में होती कुछ अच्छाई।
मुन्ना ने आले पर रक्खी शीशी तोड़ गिराई।
बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
Hindi poem for children first published by National Book Trust
122 words |
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Filed under: hindi poems
Tags: #hindi poems for kids, #बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ
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